
वैसे सनातन जीवन पद्धति के अंतर्गत सिखाये जाने वाले ध्यान, योग,जप, प्राणायाम आदि करने से बहुत लाभ होते हैं जिनमें से कुछ निम्नांकित कुछ दिया जा रहा है;
1. नित्य नियमपूर्वक सनातन जीवन पद्धति को अपनाने से करने से चित्त की चंचलता समाप्त होती है । धीरे-धीरे एकाग्रता में वृद्धि होती है ।
2. हर प्रकार के डर और भय से साधक मुक्त होता है।
3.भगवान के प्रति आस्था, प्रेम, श्रद्धा, भक्ति और अपनापन उत्पन्न होता है ।
4. अंतर्प्रेरणा जाग्रत होती है, जो जीव को प्रति पल सत्य पथ पर चलने की प्रेरणा देती है ।
5. जन्मों-जन्मों के कुसंस्कार खत्म होने लगते हैं।
6. नकारात्मक विकार समाप्त होने लगते हैं।
7. मुख पर अनुपम तेज, आभा और गम्भीरता आ जाती है।
8. मन में पवित्र भावनाएँ, उच्च विचार एवं सबके प्रति सद्भाव आदि सात्विक गुणों की वृद्धि होती है।
9. संकल्प-शक्ति सुदृढ़ होकर मन की आंतरिक शक्ति बढ़ जाती है ।मन में असीम शान्ति का अनुभव होता है।
10. हृदय में शांति, संतोष, क्षमा, दया व प्रेम आदि सद्गुणों का उदय हो जाता है और उनका विकास होने लगता है ।
11. सनातन जीवन पद्धति साधक में से सर्वांगीण उन्नति होती है जिसके फलस्वरुप से धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष चारों पुरुषार्थ सिद्ध होते हैं ।